देहरादून/स्वप्निल : सोमवार को उत्तराखंड सचिवालय में
अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन प्राधिकरण (सारा), उत्तराखण्ड की जनपद एवं अर्न्तविभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी विभागों को सारा के अंतर्गत गतिमान योजनाओं को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा आगामी 15 दिनों के अंदर जनपदों में लंबित कार्यों का परीक्षण करवा कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाए, एवं जो कार्य धरातल में पूर्ण हो चुके हैं, उनके आउटकम, आंकड़े सहित पेश किए जाएं। इस अवसर पर उन्होंने कहा प्रदेश के अंदर बंद पड़े हैंडपंप को पुनः रिचार्ज करने की दिशा में भी कार्य किए जाएं।
बंद पड़े हैंडपंपों के माध्यम से भूजल को पुनःरिचार्ज किया जाए, जिसके लिए कार्य योजना बनाकर धरातल में उतारा जाए। उन्होंने कहा प्रदेश में पिछले साल तक पूर्ण रूप से सूख चुके हैंडपंपों की गिनती भी हो।
ऐसे में उन्होंने कहा कि क्रिटिकल जल स्रोतों के उपचार हेतु वैज्ञानिक विधि से स्प्रिंगशेड और रिचार्ज क्षेत्रों की पहचान और सीमांकन किया जाए। जल संरक्षण के साथ ही जल गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा भौगोलिक स्थिति को देखते हुए उपयुक्त रिचार्ज उपायों को अपनाया जाए। उन्होंने कहा पेयजल निगम, जल संस्थान, सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किए गए कार्यों में आपसी समन्वय के साथ तेजी लाई जाए। एवं हर योजना का तकनीकी अध्ययन जरूर करवाएं।
बता दें कि बैठक में बताया गया कि पेयजल निगम द्वारा राज्य के अंतर्गत कुल 78 एवं जल संस्थान द्वारा राज्य के कुल 415 क्रिटिकल जल स्रोत चिन्हित किए गए हैं, जिनपर विभिन्न स्तरों पर कार्य गतिमान है।
इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सारा) नीना ग्रेवाल, आईएफएस आर.के मिश्रा, अपर सचिव गरिमा, बीके तिवारी एचओडी लघु सिंचाई एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहें।