देहरादून/स्वप्निल : मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि संपत्ति क्षति मुआवजे का आकलन करने के लिए आधुनिक तकनीक और सेटेलाइट चित्रों का उपयोग किया जाए। इसके लिए यूकॉस्ट की सहायता से जल्द आकलन किया जाए। इसके अलावा लापता लोगों के लिए सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए। विदेशी लापता लोगों (नेपाली मूल के श्रमिक एवं विदेशी पर्यटक) के लिए भी सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की निर्धारित प्रक्रिया को शुरू किया जाए।यह निर्देश सीएस बर्द्धन ने बुधवार को सचिवालय में प्रदेश में आपदा प्रभावितों क्षेत्रों, विशेषकर धराली आपदा प्रभावितों के लिए राहत व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि सर्च ऑपरेशन्स को जारी रखा जाए और इसमें नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।उन्होंने यूएसडीएमए को पिछले वर्षों में किए गए सभी अध्ययनों और संकलित डाटा का विश्लेषण करा कर भी उपयोग में लाने को कहा। सीएस ने डीजी यूकॉस्ट को प्रदेश की सभी ग्लेशियरों और ग्लेशियर झीलों और उनके रास्ते में पड़ने वाले मोरेन और बोल्डर्स आदि का तत्काल विश्लेषण करते और उनसे संभावित खतरे का आकलन के लिए मॉड्यूल तैयार को करने को कहा। उन्होंने इसके लिए संबंधित सभी वैज्ञानिक संगठनों को शामिल कर टीम तैयार करने को कहा।
