फर्म Bartholet द्वारा प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान की गयी है। मूल उपकरण निर्माता फर्म Bartholet राज्य के तकनीकी परामर्शदाता के रूप में एम०ओ०यू० के तहत स्वयं के खर्च पर तकनीकी आर्थिक अध्ययन कर डी.पी.आर. तैयार करेगा। अतः राज्य में चिन्हित रोप-वे परियोजनाओं में से फर्म Bartholet को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में तपोवन (ऋषिकेश) से कुन्जापुरी (नरेन्द्रनगर) रोप-वे परियोजना हेतु राज्य सरकार के तकनीकी परामर्शदाता के रूप में एम०ओ०यू० निष्पादन किये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है।12- राज्य में रोपवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु एस०पी०वी० (UTTARAKHAND ROPEWAYS DEVELOPMENT LIMITED) के गठन के संबंध में लिया गया निर्णय। राज्य में पर्यटकों की संख्या वृद्धि एवं राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत आवागमन को सुगम सुरक्षित एवं सुविधाजनक बनाये जाने हेतु राज्य में विभिन्न स्थलों पर रोपवे विकसित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में पर्यटन विभाग तथा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा राज्य में चिन्हित सभी रोपवे परियोजनाओं को विकसित किये जाने के दृष्टिगत एन०एच०एल०एम०एल० (नेशनल हाइवेज लोजिस्टिक्स मैनेजमेन्ट लिमिटेड) को प्रोमोटर के रूप में अधिकृत किया गया है। पर्यटन विभाग तथा एन०एच०एल०एम०एल० भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में परियोजनाओं का क्रियान्वयन निजी निवेशक के माध्यम क से पी०पी०पी० मोड (डी०बी०एफ०ओ०टी० एवं एच०ए०एम० मॉडल) के आधार पर किया जाना है। रोपवे परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु उत्तराखण्ड राज्य सरकार एवं एन०एच०एल०एम०एल० के मध्य एस०पी०वी० (UTTARAKHAND ROPEWAYS DEVELOPMENT LIMITED) के गठन की अनुमति प्रदान की गयी है।13-राज्य में उद्योगों एवं अन्य प्रतिष्ठानों हेतु 12 मीटर से कम ऊँचाई, परंतु 500 वर्ग मीटर से अधिक आच्छादित क्षेत्रफल एवं 12 मीटर से कम ऊँचाई, परंतु 500 वर्ग मीटर से कम आच्छादित क्षेत्रफल वाले लो राइज एवं मिक्स ऑक्यूपेन्सी भवनों की अग्निसुरक्षा व्यवस्था हेतु सामान्य ढांचागत व्यवस्था तथा नेशनल बिल्डिंग कोड में प्रावधानित अग्निसुरक्षा के मानकों में संशोधन के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।राज्य में उद्योगों एवं अन्य प्रतिष्ठानों हेतु 12 मीटर से कम ऊँचाई, परंतु 500 वर्ग मीटर से अधिक आच्छादित क्षेत्रफल एवं 12 मीटर से कम ऊँचाई, परंतु 500 वर्ग मीटर से कम आच्छादित क्षेत्रफल वाले लो राइज एवं मिक्स ऑक्यूपेन्सी भवनों के इच्छुक आवेदकों को अग्निसुरक्षा व्यवस्था अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन में आ रही कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुये अग्निसुरक्षा हेतु सामान्य ढांचागत व्यवस्था तथा नेशनल बिल्डिंग कोड में प्रावधानित अग्नि सुरक्षा उपकरणों के मानकों में उत्तर प्रदेश राज्य की तर्ज पर उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में आवश्यक संशोधन किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।14-पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अन्तर्गत राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन एवं परियोजना प्रबन्धन इकाई, स्वजल में सृजित पदों की पूर्व वेतनमान सहित वर्षानुवर्ष कार्याेत्तर निरंतरता एवं इसमें नियोजित कार्मिकों को वेतन / मानदेय आदि का भुगतान के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कार्यों को पूर्ण करने हेतु राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन को औपचारिक रूप से कार्यदायी इकाई घोषित करने की कार्याेत्तर स्वीकृति प्रदान कर राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन तथा परियोजना प्रबन्धन इकाई स्वजल में सुजित पदों की पूर्व वेतनमान सहित वर्षानुवर्ष कार्याेत्तर निरंतरता दिनांक 01.03.2021 से दिनांक 31.03.2026 तक विस्तारित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन एवं परियोजना प्रबन्धन इकाई, स्वजल में नियोजित कार्मिकों को दिनांक 01.03.2020 से पूर्व में दिये जा रहे वेतन/मानदेय के अनुरूप वेतन/मानदेय का भुगतान राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के द्वारा किया जाने का निर्णय लिया गया है। 15-उत्तराखण्ड राज्य में लेखपत्रों के निबंधन की प्रक्रिया में वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पंजीकरण की कार्यवाही में कार्यान्वयन किये जाने के सम्बन्ध में लिया गया निर्णय।स्टाम्प एवं निबंधन विभाग के कार्यालयों में लेखपत्र के साथ उपस्थित होकर पंजीकरण करने की व्यवस्था अद्यतन विद्यमान है। पंजीकरण के उपरांत स्कैन्ड कॉपी मुद्रित कर कार्यालयों में अनुरक्षित की जाती है तथा मूल लेखपत्र पक्षकार को प्राप्त करना होता है।उक्त व्यवस्था को तकनीकी रूप से उन्नत करते हुए लेखपत्रों के निबंधन की प्रक्रिया में चरणबद्ध तरीके से सुधार किया जा रहा है। तकनीकी उन्नयन के अंतर्गत पेपरलेस रजिस्ट्रेशन तथा आधार ऑथेंटिकेशन एवं वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया गतिमान है। उक्त व्यवस्था को अपनाये जाने हेतु संशोधन नियमावली को दी गई मंजूरी।उक्त प्रक्रिया के अस्तित्व में आने के पश्चात पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र को तैयार कर आनलाइन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगें एवं स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान ऑनलाईन माध्यम से कर पायेंगे। पक्षकार उप निबंधक कार्यालय में उपस्थित होकर / वीडियो के.वाई.सी. के माध्यम से सत्यापन कर एवं विलेख में वर्णित तथ्यों का परीक्षण करने के उपरांत विलेखों के पंजीकरण की कार्यवाही को ई-साईन के माध्यम से पूर्ण करेंगें तत्पश्चात व्हाट्सएप व ई-मेल के माध्यम से तत्काल पक्षकार को दस्तावेज का प्रेषण किया जायेगा। उक्त प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से अंर्तसम्बन्धित किया जाने से जनसुविधा के साथ-साथ छद्म प्रतिरुपण / धोखाधड़ी से मुक्ति मिलेगी। उक्त के परिणामस्वरूप पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।16-वित्त विभाग की अधिसूचना सं0-27057/2023, दिनांक 07 नवम्बर, 2023 में उल्लिखित अधिसूचित पदों का तात्पर्य चयन आयोगों द्वारा प्राप्त अधियाचनों के क्रम में भर्ती संबंधी विज्ञप्ति जारी किये जाने से है। अंतः विभिन्न चयन आयोगों तथा विभागीय स्तर पर किये जाने वाले चयन के संबंध में जारी विज्ञप्ति तिथि (दि० 01. अक्टूबर, 2005) के आधार पर चयनित कार्मिको को पुरानी अथवा नवीन पेंशन योजना में सम्मिलित किये जाने के लिए एक बार का विकल्प दिये जाने का निर्णय।17-उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा विभाग (अप्राविधिक और अराजपत्रित) सेवा नियमावली, 2008 में पुस्तकालयाध्यक्ष पद हेतु निर्धारित अनिवार्य अर्हता से उच्चतर योग्यताधारी (बी.लिब. / एम.लिब.) अभ्यर्थियों के चयन / नियुक्ति के सम्बन्ध में निर्णय।उच्च शिक्षा विभाग की तरह प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत पुस्तकालयाध्यक्ष पद पर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग / उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा में उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा विभाग (अप्राविधिक और अराजपत्रित) सेवा नियमावली, 2008 में विहित अनिवार्य अर्हता से उच्चतर बी०लिब० / एम०लिब० योग्यताधारी अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। 18-उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम के अधीन मोटर यान पर ग्रीन सेस की निर्धारित दरों में वृद्धि के संबंध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम एवं नियमावली, 2003 के अन्तर्गत वर्तमान में प्रवेश उपकर तथा ग्रीन सेस की दरों को सम्मिलित करते हुए उत्तराखण्ड राज्य में पंजीकृत एवं राज्य में प्रवेश करने वाले अन्य राज्य के व्यवसायिक एवं निजी वाहनों हेतु ग्रीन सेस की दरें निर्धारित की गयी हैं। प्रवेश उपकर की दरें वर्ष 2017 में निर्धारित की गयी थी, जिसके पश्चात उक्त दरों में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। वर्ष 2017 से मुद्रा स्फीति में लगभग 28-30 प्रतिशत की वृद्धि होने के दृष्टिगत दरों में वृद्धि की गयी है, जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी। राज्य में अन्य राज्यों के वाहनों द्वारा प्रवेश करने पर ग्रीन उपकर की वसूली फास्टैग के माध्यम से की जायेगी।19-उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा, महत्वपूर्ण मेलों आदि के सुव्यवस्थित संचालन हेतु उत्तराखण्ड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद् गठन के सम्बन्ध में निर्णय।तीर्थाटन इस क्षेत्र की एक प्रमुख पर्यटन विधा रही है, जिसमें चारधाम यात्रा, नन्दादेवी राजजात यात्रा एवं आदि कैलाश यात्रा आदि कुछ प्रमुख घार्मिक यात्रायें हैं। वर्तमान समय में बेहतर परिवहन व्यवस्था, सड़क, रेल एवं वायु सेवा की सुलभता के कारण इन यात्राओं / मेलों में तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुये प्रमुख धार्मिक यात्राओं / मेलों के उचित प्रबन्धन हेतु एक पृथक नियंत्रण एवं प्रबन्धन इकाई की आवश्यकता को मध्यनजर रखते हुये धार्मिक यात्राओं एवं मेलों के लिए निम्न उद्देश्यों सहित उत्तराखण्ड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद् गठन किये जाने का कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय। इसके तहत धार्मिक यात्राओं एवं मेलों हेतु समुचित प्रबन्धन एवं संचालन। धार्मिक यात्राओं एवं मेलों हेतु बेहतर मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं का सृजन, सुद्धीकरण तथा रखरखाव आदि करना तथा धार्मिक यात्राओं एवं मेलों को सहज, सुगम, सुरक्षित एवं सुखद बनाया जाना है।उक्त परिषद के माध्यम से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, पूर्णागिरी यात्रा एवं नन्दादेवी राजजात यात्रा आच्छादित होगी। उक्त परिषद हेतु पृथक से बजट प्राविधान भी किया गया है।
